अग्नि नाम हिन्दू धर्म में
एक देवता से जुड़ा है शाब्दिक तौर पर अग्नि का अर्थ होता है “आग”; आग एक प्रकार की
दहन क्रिया से निकलने वाली लपटों को कहा जाता है जो अधिकांश पीले रंग की होती हैं
या सम्पूर्ण दहन प्रक्रिया को भी आग की संज्ञा दी जाती है इसके अतिरिक्त अग्नि को “पावक”
भी कहा जाता है क्योंकि धार्मिक विचारों के अनुसार अग्नि किसी भी स्थान, क्रिया,
वस्तु, देह इत्यादि की बुराई को जलाकर उसे को पावन कर देती है इसी वाक्य से जुड़ा
शब्द है “अग्नि परीक्षा” अर्थात जब किसी जीवित प्राणी को अग्नि के सम्पर्क में आने
से हो रहे शारीरिक कष्ट को सहना पड़े तब इसे अग्नि परीक्षा कहा जाता है प्राचीन समय
में समाज की कुछ कुरीतियों में अग्नि परीक्षा भी एक है जिसके अनुसार स्वयं को पावन
सिद्ध करने के लिए व्यक्ति (विशेषकर स्त्री जाति) को अग्नि परीक्षा देनी पड़ती थी
क्योंकि विचारों के अनुसार
पावन व्यक्ति को अग्नि नहीं जलाती तथा यह बुरे मात्र का सर्वनाश करती है अग्नि का
एक नाम “अनल” भी है जो इस शब्द का पर्यायवाची है अग्नि की ज्वाला (बड़ी लपटें) धधका
कर यज्ञ (किसी प्राप्ति विशेष के लिए आग जलाकर पूजा करना) किया जाता है तथा हिन्दू
धर्म में विवाह के समय सात फेरों की रस्म में भी अग्नि की ही परिक्रमा की जाती है अग्नि
को अंग्रेजी में फायर (Fire) (एफ.आई.आर.ई.) कहा जाता है
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें