कलोल एक पंजाबी भाषा का
शब्द है तथा बहुकथित तौर पर प्रयोग किया जाता है कलोल का अर्थ होता है मजाक करना
या मजाक बनाना, किसी की हंसी उड़ाना, निरर्थक/ अर्थहीन काम करना जिनका कोई महत्व ना
हो, व्यर्थ की क्रियाओं में समय खराब करना यह शब्द पंजाबी भाषी क्षेत्रों में आम
तौर पर प्रयोग किया जाता है
जैसे कि “कलोल ना कर यार...”
और इसी वाक्य को पंजाबी में बोला जाएगा “कलोलां ना पा यार...” जिसका अर्थ होता है
बेकार की बातें या क्रियाएँ ना करने की सलाह देना; इसी प्रकार “बस कलोल ही है..”
को पंजाबी में बोला जाएगा “क्लोलां ही ने जी बस...” अर्थात सब कुछ (उस क्षण की बातचीत
व कार्य) को महत्वहीन साबित करने का भाव प्रकट करना अर्थात सब व्यर्थ है, सब मजाक
है; हिन्दी में इस शब्द का प्रयोग ना के समान है परन्तु पंजाबी-हिन्दी के मिश्रित
क्षत्रों में इस शब्द का अलग ही रूतबा है तथा लोकप्रिय है सीधे शब्दों में कलोल का
अर्थ “मजाक” माना जा सकता है कलोल (मजाक) को अंग्रेजी में फन (Fun) (एफ.यू.एन.) कहा जाता है
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