अकाल शब्द को यदि विभाजित
किया जाए तो यह अ+काल की ध्वनि उत्पन्न करता है जिसमें “अ” अर्थात “बिना” तथा काल
अर्थात समय; इस प्रकार इस शब्द का सामूहिक अर्थ हुआ “बिना समय का या समय से पूर्व”
सरल शब्दों में जिस पर काल का कोई प्रभाव नही होता जो समय से मुक्त है अकाल कहलाता
है इसी कारण ईश्वर को अकाल भी कहा जाता है इसके अतिरिक्त अकाल को कुछ अन्य वाक्यों
में प्रयोग किया जा सकता है जैसे: अकाल पड़ जाना एक एसी स्थित है जिसमें जरूरत की
सामग्री (जो जीने के लिए आवश्यक हो) की कमी हो जाती है अकाल को एक बुरा समय कहा
जाता है जिसमें अनाज तथा पानी जैसी मूलभूत वस्तुओं की कमी के कारण लोग भूख-प्यास
के कारण मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं
अकाल का एक अन्य प्रयायवाची
असामयिक है अर्थात बिना समय के; जैसे: किसी की अकाल मृत्यु हो जाने से अभिप्राय है
अप्राकृतिक मृत्यु; किसी व्यक्ति की अल्प आयु में मृत्यु हो जाना अकाल मृत्यु
कहलाता है अन्य शब्दों में कहा जाए तो कोई भी एसी स्थति जिसमें किसी भी वस्तु की
भारी कमी देखने को मिले तथा वह समय उस वस्तु की कमी के लिए उचित ना हो अर्थात उस
वस्तु के स्थान पर कुछ भी पूरक ना हो एसी स्थिति अकाल कहलाती है अकाल को अंग्रेजी
में फेमिन (Famine) (एफ.ए.एम.आई.एन.ई) कहा जाता है