एक प्रकार का फल जो ऊपर से
कठोर तथा अन्दर से खाने योग्य सूखे मेवे से भरा होता है यह फल पर्वतीय क्षेत्रों
में पाए जाने वाले वृक्ष पर लगता है इसके कठोर बाहरी आवरण (छिलके) के अन्दर पाए जाने
वाले मेवे की सरंचना देखने में मनुष्य के मस्तिष्क की भांति प्रतीत होती है अख़रोट के हिन्दी में अन्य अर्थ “अक्षरोट या चौमगज़ा” हैं यह फल मेवों में ही गिना जाता है
तथा विशेष पूजन इत्यादि में प्रशाद के रूप में भी बांटा जाता है प्रशाद अर्थात वह
व्यंजन जो किसी पाठ-पूजा इत्यादि की सम्पनता के पश्चात श्रधालुओं में बांटे जाते
हैं
यदि प्रकारों की बात की जाए
तो अख़रोट को इसके बाहरी आवरण (छिलके) की मोटाई के आधार पर दो प्रजातियों में बांटा
गया है पहली प्रजाति जिसमें छिलका ज्यादा मोटा होता है वे जंगली अख़रोट कहलाते हैं
हालाँकि दोनों के स्वाद में बहुत ही कम अंतर पाया जाता है तथा दूसरी प्रजाति “कागज़ी
अख़रोट” के नाम से जानी जाती है जिसका छिलका पतला होता है जो कि आसानी से तोड़ा जा
सकता है अख़रोट खाने से बहुत से स्वास्थ्य वर्धक लाभ होते है माना जाता है कि यह
मस्तिष्क के लिए भी लाभदायक है अख़रोट शब्द के लिए अन्य पर्यायवाची हैं जैसे: जायफल,
अस्फोटी बीज, अक्षरोट, चौमगज़ा इत्यादि हालाँकि यह शब्द प्रचलित नही हैं क्योंकि
किसी भी भाषा में फल का एक ही नाम होता है यद्दपि क्षेत्रिय भाषाओँ के कारण अन्य
अर्थ मिल सकते हैं अख़रोट को अंग्रेजी में वालनट (Walnut) (डब्ल्यू.ए.एल.एन.यू.टी.) कहा जाता
है
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