कोई भी शब्द या शब्द का वह
अंश जिसमें एक स्वर हो जो कि बिना किसी व्यंजन के भी हो सकता है और व्यंजन के साथ
भी, अक्षर कहलाता है यह परिभाषा हिन्दी व्याकरण से सबंधित है इसके अतिरिक्त कुछ अन्य
अर्थ भी अक्षर शब्द के लिए प्रयुक्त हैं जैसे अक्षर शब्द अ तथा क्षर का जोड़ है
जिसका सामूहिक अर्थ होता है “बिना नाश का” अर्थात वह जिसका नाश संभव ना हो उसे अक्षर
कहा जा सकता है ध्यान देने योग्य बात है कि अक्षर के व्याकरण संबधी अर्थ का अधिक
महत्व है तथा यह शब्द लोकप्रिय भी व्याकरण में ही है जबकि इसके अन्य अर्थों से
अधिकतर लोग परिचित नही हैं
अक्षर को आम तौर पर साक्षरता
का पर्याय भी माना जाता है साक्षरता पढने लिखने की योग्यता को कहा जाता है अक्षर
से उलट शब्द “निरक्षर” का अभिप्राय उससे है जो अक्षर ज्ञान से वंचित है अर्थात जिसे
लिपि (भाषा के लिखित चिह्न) का ज्ञान नही है तथा पढ़ने-लिखने में सक्षम नही है इसी
शब्द से सबंधित एक मुहावरा “काला अक्षर भैंस बराबर” है जिसका अर्थ होता है अक्षर
ज्ञान से वंचित अर्थात अपने भावों तथा विचारों को लिखित रूप देने में तथा लिखित
रुपी भावों व विचारों को समझने में असमर्थ; अक्षर शब्द के अन्य पर्यायवाची हैं
जैसे: अपरिवर्तनीय (जिसमें किसी प्रकार का बदलाव कर पाना संभव ना हो), वर्ण-स्वर, आकाश,
अक्षय, ब्रह्मा इत्यादि अक्षर को अंग्रेजी में लैटर (Letter) (एल.ई.टी.टी.ई.आर.) कहा जाता
है