कोई भी स्मृति अर्थात याद
का मस्तिष्क से निकल जाना, भूलना कहलाता है यह एक प्रकार की क्रिया है जिसे
नकारात्मक माना जाता है भूलना का हिन्दी में अर्थ होता है “याद ना रहना”; किसी भी
व्यक्ति की वह मानसिक स्थिति जिसमें वह किसी स्मृति को याद ना कर पा रहा हो जैसे: प्रश्नों
के उत्तर का याद ना आना, भूतकाल में हुई किसी क्रिया का याद ना आना, किसी की कही
हुई बात का याद ना आना इत्यादि ये सब क्रियाएँ “भूलना” शब्द से संबोधित की जाती
हैं
उदाहरण के तौर पर वाक्यांश
लीजिए जैसे: मैं उस घटना भूलना चाहता हूँ; इसका अर्थ हुआ कि वक्ता किसी घटना को
अपनी स्मृति से निकाल देने की बात कर रहा है ध्यान देने योग्य है कि यदि “भूल”
शब्द मात्र को प्रयोग किया जाए तब “भूल” शब्द का अर्थ गलती होता है ना कि “स्मृति
से निकलना” भूल शब्द के साथ क्रिया जोड़ने पर ही उपरोक्त अर्थ निकलता है; अन्य
शब्दों में विस्मरण की स्थिति जिसमें कुछ स्मरण ना किया जा सके “भूलना” कहलाती है भूलना
के अन्य पर्यायवाची हैं जैसे: स्मृति में ना रहना, स्मरण ना रहना, बेखबर, भूलने की
क्रिया इत्यादि; भूलना को अंग्रेजी में फॉरगेट (Forget) (एफ.ओ.आर.जी.ई.टी) कहा जाता है