इज्ज़त किसी भी व्यक्ति को उसके
चरित्र, कार्यों तथा व्यवहार के कारण मिलने वाले सम्मान को कहा जाता है अमूमन किसी
व्यक्ति की समाज में प्रतिष्ठा देख कर ही उसकी इज्ज़त आंकी जाती है जैसे व्यक्ति की
बात को कितना सुना जाता है तथा उसके दिए आदेशों को कितनी गंभीरता से लिया जाता है इत्यादि
इज्ज़त अंकन के आधार माने जाते हैं इज्ज़त एक अरबी-उर्दू भाषा से सबंधित शब्द है
जिसका हिन्दी में अर्थ होता है “सम्मान या आदर”; आबरू शब्द तथा इज्ज़त एक दूजे के
पर्याय के तौर पर लोकप्रिय हैं। सामाजिक तौर-तरीकों, रिवाजों, नियमों तथा रस्मों को
कोई व्यक्ति कितनी अच्छी तरह से निभाता है इसी पर निर्भर करता है कि समाज उसकी
कितनी इज्ज़त करेगा इज्ज़त पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को समाज के लिए कुछ करना
होता है यद्दपि समाज के अतिरिक्त व्यक्ति अपने पारिवारिक सबंधो में भी व्यक्तिगत
इज्ज़त को प्राप्त करता है अर्थात परिवार के कर्तव्यों को कोई व्यक्ति कितनी अच्छी
तरह से निभा रहा है तथा परिवार में उसकी बात का कितना मान रखा जाता है यह उसकी
पारिवारिक इज्ज़त को दर्शाता है।
सरल शब्दों में लोगों
द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को दी जाने वाली बड़ाई, आदर या मान को सयुंक्त रूप से
इज्ज़त कहा जाता है उदाहरण: आपने ताउम्र पैसा नही इज्ज़त कमाई है; अर्थात वक्ता ने
श्रोता के उस सम्मान की बात की है जो उसके जीवन भर के व्यवहार से मिला है। सामान्य
भाषा में कुछ अन्य शब्द जैसे: “तुम्हारी कितनी चलती है, तुम्हारी कितनी पूछ है,
तुम्हारी बात का कितना मान रखा जाता है” इत्यादि ये सब इज्ज़त अंकन को ही दर्शाते
हैं। इसके अतिरिक्त पुरुषप्रधान समाज में इज्ज़त के नाम पर औरतों पर पाबन्दी ज्यादा
लगाई जाती है जिनमें कपड़ों का प्रकार मुख्य है अर्थात औरत को किस प्रकार के कापसे
पहनने चाहिए इसका फैसला समाज करता है इस प्रकार की पाबन्दी इज्ज़त का एक नकारात्मक
रूप दर्शाती हैं। इज्ज़त के लिए अन्य प्रयायवाची हैं: सम्मान, आबरू, मान, प्रतिष्ठा,
गौरव, रूतबा, पूछ इत्यादि; इज्ज़त को अंग्रेजी में रेस्पेक्ट (Respect) (आर.ई.एस.पी.ई.सी.टी.)
कहा जाता है