जायदाद किसी भी
चल-अचल सम्पति को अलग-अलग या सयुंक्त रूप से कहा जाता है। यह सम्पति किसी जमीन
अर्थात भू-भाग के रूप में हो सकती है या किसी आभूषण के रूप में पड़ी किसी मूल्यवान
वस्तु को भी जायदाद कहा जा सकता है। जायदाद को व्यक्ति अपनी मेहनत के बलबूते भी
खड़ा कर सकता है तथा कभी-कभी यह पूर्वजों द्वारा उनकी संतानों को विरासत के रूप में
दी जाती है। जायदाद पर किसी भी कानूनी तरीके से हक जताया जा सकता है तथा कानूनी
तौर पर ही यह किसी को दी जा सकती है इसके अतिरिक्त यदि कोई व्यक्ति गैर-कानूनी
तरीके से जायदाद पर अपना हक जताता है तो उसके हक का हनन किया जा सकता है। जायदाद
किसी भी रूप में हो सकती है जैसे कि कोई मकान, दूकान, खाली जमीन, खेत या कारखाना
इत्यादि। सरल शब्दों में कहा जाए तो किसी भी प्रकार की मूल्यवान वस्तु जो चल या अचल
या दोनों हो सकती है तथा किसी भी समय मुद्रा रूप में परिवर्तीत की जा सकती है
जायदाद कहलाती है। जायदाद शब्द के प्रयायवाची हैं: धन-सम्पति, जमीन या मूल्यवान
वस्तु। जायदाद को अंग्रेजी में प्रॉपर्टी कहा जाता है।
उदाहरण: 1. मुश्किल दिनों में उसका गुजारा उसके बाप-दादा
की विरासत में दी हुई जायदाद से ही चल रहा है।
2. अगर निर्धारित
समय तक तुम बैंक की कर्ज राशि का भुगतान नही करोगे तो तुम्हारी जमीन-जायदाद कानूनी
तौर पर बैंक के हक में चली जाएगी।