खटिया एक प्रकार की चारपाई
होती है जो आकार में छोटी होती है परन्तु इसे सामान्य चारपाई का पर्याय भी माना जा
सकता है चारपाई पतली रस्सी से बुनकर बनाई गई एक पलंग के आकार की होती है जिसे दो
बही, दो सेरवों तथा चार पावों की मदद से बनाया जाता है यह आयताकार होती है तथा
विशेषकर गाँवों में लेट कर आराम करने के लिए प्रयोग की जाती है खटिया का हिन्दी
में अर्थ होता है “चारपाई”; खटिया शब्द क्षेत्रिय भाषाओँ से सबंधित है जो कि “खाट”
से बना है चारपाई को क्षेत्रिय भाषाओँ में खाट भी कहा जाता है विशेषकर खाट शब्द का
प्रयोग हरियाणवी, राजस्थानी तथा अन्य क्षेत्रिय भाषाओँ में देखने को मिलता है
हालाँकि खाट का कोई निश्चित
आकार नही होता परन्तु सामान्य तौर पर इसकी लम्बाई इसकी चौड़ाई के लगभग दुगुनी होती
है खाट की लम्बाई एक व्यस्क व्यक्ति की लम्बाई के बराबर या उससे थोड़ी ज्यादा हो
सकती है सरल शब्दों में कहा जाए तो सामान्य खाट की लम्बाई 6 फुट तथा चौड़ाई 3 फुट
के लगभग होती है तथा जब इसे छोटे आकार में बनाया जाता है तब इसे खटिया कहा जाता है
जो कि बच्चों के सोने के लिए बनाई जाती है तथा उठाने में हल्की होने के कारण ज्यादा
दूरी तक ले जाने में आसान होती है हिन्दी भाषी क्षेत्रों में खटिया से जुडी एक
कहावत है “खटिया खड़ी करना” जिसका अर्थ होता है तंग करना, परेशान करना या चैन से ना
रहने देना; क्योंकि खटिया आराम करने का प्रतीक है तथा आराम करने के पश्चात अमूमन
खटिया को एक तरफ खडा कर दिया जाता है इसी कारण “खटिया खड़ी करना” अर्थात आराम से ना
बैठने देना होता है; खटिया के अन्य प्रयायवाची हैं जैसे: मंजी, रस्सी से बना पलंग,
छोटी खाट, छोटी चारपाई इत्यादि; खटिया को अंग्रेजी में कॉट (Cot) (सी.ओ.टी.) कहा जाता है