कोई भी पदार्थ जिसका स्वाद
अम्लीय हो खट्टा कहलाता है यदि वैज्ञानिक नजरिये से देखा जाए तो वह पदार्थ जिसका
पी.एच. मान 7 (सात) से कम हो जिस कारण उसका स्वाद अम्लीय हो जाए खट्टा कहलाता है खट्टा
का हिन्दी में अर्थ होता है “तुर्श या अम्ल”; खट्टा स्वाद में तेज होता है तथा जीभ
के संपर्क में आते ही अत्यधिक तीखा लगता है परन्तु यदि इसे कम मात्रा में स्लाद
आदि पर छिडकाव कर के खाया जाए तब यह खाने में अच्छा लगता है तथा इसी छिडकाव रूप
में यह प्रचलित भी है उदाहरण के तौर पर “निम्बू” जिसमें अम्लीय रस भरा होता है
स्लाद या खाने के साथ इस रस को आम तौर पर चखा जाता है
अत्यधिक खटाई दांतों को भी
खट्टा कर देती है जिस कारण वे संवेदनशील हो जाते हैं तथा कुछ समय तक व्यक्ति उनसे
कुछ भी नही चबा पाता; खटाई के इसी गुण के कारण “दांत खट्टे करना” मुहावरा बोला
जाता है जिसका अर्थ होता है “हराना”; खट्टे के कुछ उदाहरण हैं जैसे: कच्चा आम,
इमली, सिरका इत्यादि सिरका एक प्रकार का अम्ल होता है जो अत्यधिक तेज होता है क्योंकि
उसका पी.एच. मान बहुत कम होता है; अन्य अर्थानुसार जब कोई व्यक्ति मन से दुखी हो
तब “मन खट्टा हो गया” जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है तथा इस वाक्यांश में
खट्टा का अर्थ अम्ल ना होकर “दुखी होना” होता है; खट्टा के कुछ अन्य प्रयायवाची
हैं जैसे: अम्ल, तुर्श, नाराजगी, अप्रसन्न, दुखी, चारपाई इत्यादि (खट्टा शब्द चारपाई
के लिए भी प्रयोग किया जाता है); खट्टा को अंग्रेजी में सौर (Sour) (एस.ओ.यू.आर.) कहा
जाता है
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