दोनों होठों को गालों की तरफ
फैलाकर चेहरे को एक ऐसा आकार देना जिससे दोनों गालों में गड्डे पड़ें तथा मन की
प्रसन्नता चेहरे पर झलके मुस्कराहट कहलाती है। चेहरे का यह आकार अंदरूनी प्रसन्नता
की निशानी है। हताशा, निराशा या रोना शब्द मुस्कराहट के विलोम है। यद्दपि हंसी तथा मुस्कराहट में अंतर होता है। एक तरफ हंसी खुल कर मुस्कुराने
या ठहाके लगाने की क्रिया है वहीं हल्की सी हंसी को मुस्कराहट कहा जाता है। मुस्कराहट
का प्रयायवाची है: मुस्कान। मुस्कराहट को अंग्रेजी में स्माइल कहा जाता है।
उदाहरण: सदा हल्की सी मुस्कराहट चेहरे पर रखनी चाहिए यह आपके साथ-साथ औरों के हृदय को भी शीतलता प्रदान करती है तथा लोग आपकी तरफ आकर्षित होते हैं। बुद्दिमान
लोगों की ये ही पहचान होती है वे ज्यादातर मनमुटाव अपनी हल्की सी मुस्कराहट से ही
सुलझा लेते हैं।