आड़े हाथों लेना अर्थात
खरी-खोटी सुनाना या झिड़कना। जब किसी व्यक्ति के व्यवहार से तंग आकर बिना उसके
नाराज़ होने की चिंता किए उसे धिक्कारा जाता है तथा खरी-खोटी सुनाई जाती है व उसे
लज्जित करना ही परम उद्देश्य बन जाता है तब इस प्रकार की स्थिति को प्रथम व्यक्ति
द्वारा द्वितीय व्यक्ति को आड़े हाथों लेना कहा जाता है। इस स्थति में प्रथम व्यक्ति
क्रोध में होता है तथा द्वितीय व्यक्ति पर दोष लगाने के साथ-साथ उसे भला-बुरा कहने
से भी नही झिझकता। आम तौर पर यह स्थति सहनशक्ति समाप्त होने के पश्चात् उत्पन्न
होती है जब कोई व्यक्ति किसी के दुर्व्यवहार के परेशान होकर या क्रोधित होकर शब्दों
द्वारा उस पर कटाक्ष करता है। एक प्रकार से कटाक्ष करने की या सीधे विरोध करने की
क्रिया आड़े हाथों लेना मुहावरे को अर्थ देती है।
सरल शब्दों में डांट-फटकार
लगाने की क्रिया को आड़े हाथों लेना कहा जाता है। उदाहरण: दुकानदार की ज्यादा
चालाकी व लूट से परेशान होकर एक ग्राहक ने आज उसे आड़े हाथों ले लिया तथा वहाँ
मौजूद अन्य ग्राहक उसका साथ देने लगे। आड़े हाथों लेना को अंग्रेजी में एडमोनिश कहा
जाता है।