यह शब्द विशेष तौर पर भैसों
की एक प्रजाति के लिए प्रसिद्ध है इसके अतिरिक्त एक प्रकार का औषधीय फल जिसे मरोड़फली
के नाम से जाना जाता है; भी मुर्रा का पर्याय है यह फल स्वाद में मीठा होता है
जिसमें हल्की सी कड़वाहट का सामजस्य होता है। मुर्रा नस्ल की भैंस प्राय: अधिक दूध
देने के लिए जानी जाती है जिस कारण यह अधिक दामों में बिकती है व ग्रामीण इलाकों
में दूध व्यापार में अहम् भूमिका अदा करती है।
एक अन्य अर्थानुसार चावल को तेल में तलने के पश्चात उसकी कठोरता के घटने व स्वाद के बढ़ने के कारण बना एक व्यंजन रूप जो दुकानों पर बेचा जाता है भी मुर्रा या मुरमुरा नाम से जाना जाता है यद्दपि इस प्रकार के अर्थ इतने अधिक लोकप्रिय नही हैं। इन अर्थों में ही आतिशबाजी का छोटा रूप भी मुर्रा शब्द से संबोधित किया जा सकता है। मुर्रा का अर्थ व प्रयायवाची हैं: भैंस की एक प्रजाति, एक फल, तले हुए चावल इत्यादि (अंग्रेजी: मुर्राह/ मुर्रा)