पर शब्द के अनेक अर्थ निकलते
हैं। प्रथम अर्थानुसार: इस शब्द का प्रयोग पूर्व में कही गई किसी भी बात में अंतर स्पष्ट
करने या विरोध प्रकट करने के लिए किया जाता है जहाँ “पर” शब्द परन्तु का पर्याय बनता
है उदाहरण: आपके द्वारा कही गई बात सबने मान तो ली है पर ऐसा करना सही नही होगा।
द्वितीय अर्थानुसार: पर शब्द का प्रयोग परायापन दिखाने के लिए किया जाता है अर्थात
किसी गैर के लिए या भिन्न के लिए इस शब्द का प्रयोग प्रत्यय के रूप में किया जाता
है उदाहरण: परदेस (अर्थात पराया देश) परलोक (पराया लोक) अर्थात यहाँ “पर” शब्द उसे
दर्शाता है जो हमसे दूर स्थित हो। तृतीय अर्थानुसार: पीढ़ी के अंतर को दर्शाने के
लिए पर शब्द को प्रत्यय के रूप में प्रयोग किया जाता है जैसे: “दादा” शब्द इस पीढ़ी
का सबंध दर्शाता है जबकि “परदादा” शब्द पूर्व पीढ़ी का सबंध प्रकट करता है इसी
प्रकार पोता (परपोता), नाना (परनाना) इत्यादि शब्द बनते हैं।
चतुर्थ अर्थानुसार: पर
शब्द “पंख” का पर्याय है जिनकी सहायता से हवा को चीर कर उसके विरूद्ध उड़ान भरी
जाती है जैसे: पक्षी परों की सहायता से उड़ते हैं। पंचम अर्थानुसार: किसी के ऊपर
स्थापित करने के भाव के लिए पर शब्द का प्रयोग किया जाता है जैसे: यह किताब मेज पर
रख दीजिए (अर्थात किताब को मेज के ऊपर रखे जाने का निर्देश दिया गया है) इसी
प्रकार अन्य भावानुसार उदाहरण लीजिए जैसे: जो आपने लिखा है वह अच्छा नही है उसके
स्थान पर कुछ अलग लिखिए (यहाँ प्रथम रचना को दबा कर या मिटाकर उसके ऊपर कोई अन्य
रचना लिखने का निर्देश दिया गया है) पर का अर्थ व प्रयायवाची हैं: परन्तु, पंख,
लेकिन, किन्तु, डैना, प्रसिद्ध प्रत्यय, ऊपर, के स्थान पर, पराया, गैर, दूर
इत्यादि (अंग्रेजी: ऑन/ विंग/)
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