गिनती के पहले अंक तथा
गिनती के प्रत्येक अंक के मध्य के अंतर को एक कहा जाता है। यह दो से पूर्व तथा
शून्य के बाद आता है। यह शब्द संख्या “1” का वाचक शब्द है। इसके अतिरिक्त ईश्वर के
लिए भी “एक” शब्द का प्रयोग किया जाता है जो यह दर्शाता है कि समूचे संसार की रचना
करने वाला एक ही है। जिस जैसा कोई दूसरा ना हो अर्थात जो अद्वितीय हो को भी एक नाम
से जाना जाता है।
1. हम सब मिलकर एक (इक्कठे)
हो जाएं तो हमारा कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकेगा क्योंकि एकता में शक्ति होती है।
2. एक (1) व्यक्ति जिसमें
शब्दों का भलीभांति प्रयोग करने व प्रभावी भाषण देने की क्षमता हो वह समूचे समाज
को एक अलग दिशा में चलने के लिए प्रेरित कर सकता है।
3. गरीबों के साथ
दुर्व्यवहार करना उत्पीड़न का ही एक (अन्य) रूप है जिसे समाज से समाप्त करना आवश्यक
है।
4. यह अद्वितीय (एक) है इस
जैसी सम्पूर्ण संसार में कोई भी अन्य वस्तु खोज पाना नामुमकिन है।
5. अर्जुन अकेला (एक) था
फिर भी वह सौ कौरवों की मृत्यु का कारण बना क्योंकि सम्पूर्ण संसार में धनुर्विद्या
में उसके समान कोई और नही था।
एक का अर्थ व प्रयायवाची: गणना या गिनती का पहला अंक, दो का आधा, अकेला, जिसके जैसा
कोई ना हो, अद्वितीय, ईश्वर, सत्य इत्यादि (अंग्रेजी: वन)
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