एक ही प्रजाति की वस्तुओं, व्यक्तियों
व पदार्थों के अलग अलग वर्ग को प्रकार कहा जाता है। यह वर्ग किसी भी आधार पर बनाए
जा सकते हैं इनका आधार हो सकता है जैसे कि: व्यक्ति का व्यवहार, वस्तु का रंग,
वस्तु के विशेष गुण इत्यादि। इन आधारों के अनुसार जब किसी वस्तु, व्यक्ति या
पदार्थ को वर्गीकृत किया जाता है तब प्रत्येक वर्ग को प्रकार कहा जाता है।
1. सभी धर्मों में ईश्वर की
पूजा करने के अलग अलग प्रकार (तरीके) प्रचलित हैं (इस उदाहरण में पूजा को धर्म के
अनुसार वर्गीकृत किया गया है जबकि सबका उद्देश्य ईश्वर की स्तुति करना ही है)
2. तुम किस प्रकार (ढंग से)
सामने वाले से बात करते हो या अपनी बात सामने वाले के समक्ष रखते हो यह बहुत हद तक
आपको सफल होने में साथ देता है।
3. फलों के बहुत से प्रकार (किस्म)
होते हैं क्योंकि क्षेत्र तथा मौसम के अनुसार फलों में कुछ अंतर पाया जाता है।
4. संज्ञा के कितने प्रकार
(भेद) होते हैं (यह हिन्दी व्याकरण में पूछा जाने वाला आधार प्रश्न है जो कि छोटी
कक्षाओं में पढ़ाया जाता है)
5. तुम यह कार्य पूर्ण कर
लोगे ये तो सब जानते हैं लेकिन तुम किस प्रकार (तरह) से यह कार्य पूर्ण करोगे इस
पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
प्रकार का अर्थ व
प्रयायवाची: किस्म, भेद, कुछ हद तक
समान होने की अवस्था, तरह, सादृश्य, गुणों के आधार पर वर्गीकृत, तरीका, विशेषता
इत्यादि (अंग्रेजी: काइंड, टाइप)
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