वह जो प्रत्येक स्थान पर फैला हुआ हो अर्थात जो किसी भी वस्तु इत्यादि के सम्पूर्ण विस्तार में पाया जाए व्यापक कहलाता है। बहुत अधिक पाए जाने के भाव के कारण व्यापक का एक अन्य पर्याय “सामान्य” भी होता है। यह किसी भी अवस्था में हो सकता है जैसे किसी पदार्थ की सरंचना में पाया जाने वाला वह गुण जो सदैव उसमें सम्मिलित रहे व्यापक कहलाता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो वह जो हर तरफ हो, जो बहुत अधिक विस्तृत हो, जिसने सम्पूर्ण विस्तार को ढक रखा हो अर्थात जो किसी भी विस्तृतता पर पूर्णत: छा जाए; व्यापक कहलाता है।