दिल शब्द के भावनात्मक रूप से व भौतिक रूप से दो अर्थ निकलते हैं आमतौर पर यह भावनात्मक रूप में अधिक प्रयोग होता है। जिसका अर्थ होता है मन। अर्थात व्यक्ति के मस्तिष्क के वह भाव जो उसे प्रेम करना सिखाते हैं, उसकी भावनाएं, सही गलत का निर्णय, उसकी इच्छाएं, उसकी आस्था, उसका विश्वास इत्यादि दिल में उमड़ते माने जाते है। जबकि अन्य अर्थानुसार दिल शब्द हृदय का पर्याय है जो कि संजीव प्राणियों के शरीर का एक पेशीय अंग है तथा रक्त को सम्पूर्ण शरीर में संचारित करता है। दिल शब्द मन की भावनाओं को दर्शाने के लिए इतना प्रचलित हो चुका है कि इसे एक शारीरिक अंग से ज्यादा प्रेम रुपी भाव दर्शाने के लिए जाना जाता है। जैसे: दिल देना (अर्थात प्रेम करना है ना कि हृदय नामक अंग देना)