संज्ञा व्याकरण का एक शब्द
है सरल शब्दों में समझा जाए तो “नाम” को ही संज्ञा कहा जाता है। जब संसार में या
ब्रहामंड में स्थित कुछ भी हो जब उसे एक नाम दे दिया जाता है तब उस नाम को हिन्दी
व्याकरण में संज्ञा कहा जाता है। इस प्रकार से संज्ञा शब्द “नाम” का प्रयायवाची
होता है।
इस संसार में स्थित हर एक
प्राणी, वस्तु, संजीव, निर्जीव, भाव, गुण, इत्यादि सभी को किसी ना किसी नाम से
संबोधित किया जाता है उसी नाम को व्याकरण में संज्ञा कहा गया है। जैसे अगर आपका
नाम “किशोर” है तो यह आपकी संज्ञा है।
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