कोई भी एक प्रणाली जो
वास्तविक, काल्पनिक, विश्वासी, अन्धविश्वासी तथा अलौकिक शक्तियों पर विश्वास करने वाली
धारणाओं के अनुरूप बनाई गई हो धर्म कहलाती है। अधिकतर इस प्रकार की प्रणाली समाज
के उस तबके द्वारा प्राचीन समय में बनाई गई थी जिन्हें उस समय विशेष में सर्वाधिक ज्ञानी
माना गया तथा जो लोगों को अपनी प्रणाली के अनुसार ढालने में सक्षम हुए। समय के साथ
साथ इन प्रणालियों में अंतर भी हुए व धर्म के नाम से जानी जाने वाली किसी प्रणाली के अनुसरण करने वालों की संख्या जब अल्पसंख्या में तब्दील हुई तब इसके कारण
कुछ धर्म नष्ट हुए व किसी प्रणाली विशेष का अनुसरण करने वाले का बहुमत बढ़ने से नए
धर्मों का उदय हुआ।
सरल शब्दों में कहा जाए तो
कोई शैली, प्रणाली या रास्ता जो मनुष्य को अलौकिक शक्तियों में विश्वास करने पर
ज़ोर डाले धर्म कहलाता है। या ईश्वर उपासना का कोई विशेष प्रकार
तथा निति निर्देशों का समूह सामूहिक रूप से धर्म के नाम से जाना जाता है। धर्म को
अंग्रेजी में रिलिजन (Religion) कहा जाता है।