लोक एक बहुअर्थ शब्द है इसके लगभग सभी अर्थ प्रचलन में भी हैं आइए इसके सभी अर्थों को अलग-अलग समझते हैं:
लोक (स्थान): जब लोक को शब्द के अंत में प्रयोग किया जाता हैं तब इसका अर्थ स्थान निकलता हैं। जैसे देवलोक (देवों का स्थान), ब्रह्मलोक (ब्रह्मा का स्थान), मृत्युलोक (प्राणियों के रहने का स्थान; जहाँ मृत्यु एक सत्य है)
लोक: जब इस शब्द को बिना किसी अन्य शब्द से जोड़े प्रयोग किया जाता हैं तो इसका अर्थ लोग या प्रजा निकलता है। जैसे वाक्य लेते हैं "हिन्दी सम्पूर्ण लोक में बोली जाती है" इस वाक्य का अभिप्राय है कि ज्यादातर लोग हिन्दी भाषा बोलते हैं।
लोक (लोगों में प्रचलित): जब लोक को शब्द के शुरू में प्रयोग किया जाता है तो इसका अर्थ लोगो में प्रचलित निकलता है जैसे: लोकगीत (लोगों में प्रचलित गीत), लोकव्यापार (लोगों में प्रचलित व्यापार), लोकप्रथा (लोगों में प्रचलित प्रथा)
लोक को इंग्लिश में रीजन या फोक (folk) कहा जाता है
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