पृथ्वी तथा इस पर मौजूद प्रकृति व जीवों को संयुक्त रूप से संसार कहा जाता है।
जो कुछ भी हमने अपनी जिंदगी में आज तक देखा, सुना, समझा व महसूस किया है वह सब कुछ इसी संसार में मौजूद है। वह चाहे कोई प्राकृति हो, संजीव हो, निर्जीव हो, भाव हो या कोई सुख दुःख का एहसास हो सब कुछ इसी संसार में मौजूद हैं तथा संसार के अस्तित्व से ही इनका अस्तित्व है।
संसार को सदैव अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया जाता रहा है। धर्मों के अनुसार संसार जन्म-मृत्यु का एक चक्र है। वहीं भौतिकी में इसे एक ग्रह पर पनपे जीवन के रूप में देखा जाता है। सम्पूर्ण ज्ञात ब्रह्माण्ड में केवल एकमात्र जीवित ग्रह है जिसे हम पृथ्वी नाम से जानते है। हमारी पृथ्वी संसार शब्द का पर्यायवाची है।
अन्य अर्थ:
दुनिया: इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों; जिनमें मनुष्य भी शामिल है को मिलाकर इस ग्रह की कुल प्राकृति दुनिया कहलाती है। दुनिया शब्द संसार का पर्यायवाची है।
संसार को अंग्रेजी में वर्ल्ड कहा जाता है।