वह व्यक्ति जो हमें शिक्षा देता है तथा पुस्तको के मिश्रित ज्ञान को हमें सरलतापूर्वक समझाता है को शिक्षक कहा जाता है।
शिक्षक हमारे और शिक्षा के बीच एक ऐसे माध्यम की तरह कार्य करता है जो शिक्षा को ग्रहण करने में आ रही जटिलताओं को दूर करके हमें एक सरल व सुलझा हुआ ज्ञान देता है।
शिक्षक पहले स्वयं शिक्षा ग्रहण करता है तत्पश्चात अपने विवेक से उसका मंथन करता है तथा जब शिक्षा का एक सर्वाधिक लाभान्वित करने वाला रूप तैयार हो जाता है तब वह शिक्षक इस रूप में अपने शिष्यों को शिक्षा देता है। तत्पश्चात वही शिष्य आगे उस ज्ञान का मंथन करता है और आगे आने वाली पीढ़ी का शिक्षक बन जाता है। शिक्षक व शिष्य की यह श्रृंखला अनंत काल से चली आ रही है इसी श्रृंखला के कारण आज हम इतना अधिक ज्ञान खोज पाने में सक्षम हुए है कि उस ज्ञान से उपजी तकनीक की मदद से यह अर्थ मुझ से आप तक कुछ ही पलों में पहुंच पा रहा है।
अन्य अर्थ:
अध्यापक: शिक्षक को अध्यापक शब्द से भी सम्बोधित किया जाता है जो आज की हिंदी भाषा में शिक्षक शब्द से अधिक प्रचलित है।
गुरु: शिक्षक व गुरु एक दूजे के पर्याय हैं किन्तु एक तरफ शिक्षक शब्द पुस्तक ज्ञान के लिए प्रसिद्ध हैं दूसरी ओर गुरु शब्द कला ज्ञान के लिए उपयुक्त है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें