हमारी त्वचा का भौतिक रूप से किसी अन्य वस्तु से सम्पर्क में आने के बाद होने वाला एहसास स्पर्श कहलाता है।
स्पर्श करने से हम किसी वस्तु की बाहरी संरचना का अंदाजा लगा सकते हैं व यदि हम इसे पूर्णतः स्पर्श कर सके तो हम इसके आकार की अनुभूति भी कर सकते हैं।
स्पर्श का अनुभव हम चार ज्ञानेन्द्रियों आँख, कान, नाक व जिव्हा द्वारा नही कर सकते यह त्वचा द्वारा ही महसूस किया जा सकता है।
यद्दपि जिव्हा भी कुछ हद तक स्पर्श का ज्ञान करवा सकती है परंतु इसमें स्वाद का ज्ञान मिश्रत होगा तथा इसे प्रत्येक स्थान पर स्पर्श कर पाना संभव नही होता।
इसके अतिरिक्त व्याकरण में क से लेकर म तक के वर्णो को स्पर्श कहा जाता है क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ कुछ ऊपर उठकर मुख के किसी भाग को स्पर्श करती है व कुछ समय के लिए श्वास को रोक देती है।
अन्य अर्थ:
छूना: छूना एक क्रिया है जिसमें त्वचा के किसी भाग को अन्य वस्तु के भौतिक सम्पर्क में लाया जाता है। छूना शब्द स्पर्श का पर्यायवाची है
स्पर्श को अंग्रेजी में टच कहा जाता है।