किसी व्यक्ति की इज़्ज़त के कारण पड़ने वाला वैचारिक दबाव लिहाज़ कहलाता है। इसका हिन्दी में अर्थ होता है आदर। जब किसी व्यक्ति की लिहाज़ रखने की बात की जाती है तो इसका अर्थ होता है उसके आदर में कोई कार्य करना या उसके आदर को ठेस ना पहुँचाने के उद्देश्य से कोई कार्य ना करना। इस प्रकार किसी व्यक्ति का आदर करते हुए उसके आदर-सम्मान को ठेस न पहुँचने देने का वैचारिक दबाव लिहाज़ कहलाता है।
उदाहरण: आपका लिहाज़ कर मैंने उसे कुछ नही कहा।