हर तरह का सबंध समाप्त करना तथा कोई लेन-देन, कहना-सुनना सब खत्म करना को न उधी का लेना न माधो का देना मुहावरे से दर्शाया जाता है। न उधी का लेना न माधो का देना मुहावरे का मतलब होता है कोई सबंध न रखना। उधी अर्थात वो जो हमारा ऋणी होता है जिससे हमें लेना होता है तथा माधो अर्थात वो जिसके हम ऋणी होते हैं जिसको हमें देना होता है दोनों ओर से लेने देने का व्यवहार समाप्त होने पर व्यक्त तटस्थ हो जाता है। उसे न तो किसी से कुछ लेने की आवश्यकता पड़ती है न किसी को कुछ देने की आवश्यकता पड़ती है। इस स्थिति को न उधी का लेना न माधो का देना मुहावरे से बयान किया जाता है। न उधी का लेना न माधो का देना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्न है।
उदाहरण: 1). सन्यासी जीवन में शांति इसलिए होती है क्योंकि वे सांसारिक सुख का मोह त्यागकर न उधी का लेना न माधो का देना नियम पर चलते हैं।
2). यहाँ विदेश में तुम इन चक्करों में मत पड़ो न उधी से लो न माधो को दो।