जब किसी भी व्यक्ति को उसके घर, रहने के स्थान, शहर, गांव, कस्बे या देश से निकाल बाहर कर दिया जाता है तो उसे कहा जाता है तड़ीपार करना। इस शब्द का हिंदी में पर्यायवाची होता है "निर्वासन"। प्राचीन समय में जब कोई राजा दूसरे देश के राजा को हरा देता था तब या तो उस हारे हुए राजा को मार दिया जाता था या फिर उसे तड़ीपार कर दिया जाता था ताकि वह अपनी सेना तथा प्रजा को पुनः संगठित कर विद्रोह ना कर सके। इसके अलावा आज के समय में भी जब पुलिस किसी व्यक्ति को गुनहगार मानती है तथा वह बेल पर होता है या किसी भी परिस्थिति में वह जेल से बाहर होता है तो पुलिस उसे तड़ीपार का आदेश दे सकती है ताकि वह अपने क्षेत्र में रहकर गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ ना कर सके। इसके अलावा बहुत से अन्य कारणों से भी तड़ीपार का आदेश दिया जाता है जैसे की ग्राम पंचायतों द्वारा किसी ग्रामवासी को सबकी सहमति पर गाँव निकाला देना जो कि एक अवैध प्रक्रिया है क्योंकि ग्रामपंचायत के पास इसका अधिकार नही है लेकिन फिर भी ग्रामवासियों की सर्वसहमति से ये ग्रामस्तर पर किया जाता है। इसके अलावा वैध प्रक्रिया के चलते अदालत द्वारा भी कई बार अपने देश या राज्य से निर्वासित होने का आदेश दिया जा सकता है।
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