शुद्ध हिंदी शब्दों का प्रयोग कर कुछेक जोश भरे गीतों में से एक असाधारण भव्य गीत है "आरंभ है प्रचंड" जिसका अर्थ होता है "शुरुआत भयंकर है" इस गीत के बोल (लिरिक्स) "पीयूष मिश्रा" ने लिखें हैं और वर्ष 2009 में रिलीज हुई फिल्म "गुलाल" में यह वीर रस से परिपूर्ण गीत प्रदर्शित किया गया था।
(English Meaning: Beginning is Frightful बिगनिंग इज़ फ्राइटफुल)
गीत का नाम: आरम्भ है प्रचंड
गीत के बोल: पीयूष मिश्रा
फ़िल्म: गुलाल
भाषा: हिन्दी
Aarambh Hai Prachand Lyrics & Translation in Hindi:
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड...
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो...
शुरआत बड़ी भयंकर है, सभी मस्तक बोल रहे हैं...
आज इस जंग के क्षण की रक्षा तुम करो...
आन बान शान या कि जान का हो दान...
आज इक धनुष के बाण पे उतार दो...
अपना गौरव, प्रतिष्ठा, मान-सम्मान, शान ओ शौकत यहाँ तक कि जान का भी दान देना पड़े...
तुम इन सब की ताकत अपने धनुष में चढ़े तीर पर केंद्रित कर दो...
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले...
वही तो एक सर्वशक्तिमान है...
जो अपनी इच्छा से प्राण त्यागे और अपनी इच्छा से प्राण हरे...
वो ही सर्वशक्तिमान कहलाता है...
कृष्ण की पुकार है, ये भागवत का सार है...
कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है...
कृष्ण की पुकार और गीता का मूल ये ही कहता है...
कि युद्ध वीरता का प्रमाण है...
कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का नीड़ हो...
जो लड़ सका है वो ही तो महान है...
चाहे कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का स्थान हो...
जिसमें लड़ने की हिम्मत है वोही महान कहलाता है...
जीत की हवस नहीं, किसी पे कोई वश नहीं...
क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो...
अगर जीत की हवस न हो, किसी पर नियंत्रण न रख सको...
तो ये कोई ज़िंदगी किस काम की इसे समाप्त कर दो...
मौत अंत है नहीं, तो मौत से भी क्यों डरें...
ये जा के आसमान में दहाड़ दो...
अगर मौत सफर का आखिर नही है तो उससे डरना ही क्यों...
ये बात सारे आसमान में गूंजा दो...
वो दया का भाव, या कि शौर्य का चुनाव...
या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो...
दया दिखानी है, या वीरता और पराक्रम दिखाना है ये तुम चुनो...
या सोच लो कि क्या तुम्हे हारने का दुख सहना है...
या कि पूरे भाल पे जला रहे विजय का लाल...
लाल यह गुलाल तुम ये सोच लो...
तुम्हारे तीर की नोक पर लाल रंग चढ़ा रहे...
सोच लो कि क्या तुन्हे ये लाल गुलाल चाहिए...
रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो या कि केसरी हो ताल तुम ये सोच लो...
तुम्हारा रंग केसरी हो, या जीत के नगाड़े केसरी हों या हथेली केसरी हो ये तुम सोचो...
जिस कवि की कल्पना में, ज़िन्दगी हो प्रेम गीत... उस कवि को आज तुम नकार दो...
जो कवि अपनी कविताओं में कहता है कि जीवन प्यार भरा गीत है उसे दरकिनार करो... (जीवन कड़े संघर्ष का नाम है)
भीगती मसों में आज, फूलती रगों में आज...
आग की लपट का तुम बघार दो...
भीगते - जोश से भरी नसों में आज तुम...
आग की लपटें फैला दो...
आरम्भ है प्रचंड…
शुरुआत भयंकर है...
Very good. Thanks for this
जवाब देंहटाएंtq
जवाब देंहटाएंThanks to shre
जवाब देंहटाएंI under stand thank you
जवाब देंहटाएंAarambh Hai prachand
जवाब देंहटाएंthank you
जवाब देंहटाएंThank u sir for explanation.
हटाएंthankyou for posting this.
जवाब देंहटाएं:))
जवाब देंहटाएंThank you so much ,I Was trying to find the meaning of song and today I found that.
जवाब देंहटाएंThanked❤️
जवाब देंहटाएंBeautiful explain
जवाब देंहटाएंवो दया का भाव, या कि शौर्य का चुनाव...
जवाब देंहटाएंया कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो...
दया दिखानी है, या वीरता और पराक्रम दिखाना है ये तुम चुनो...
या सोच लो कि क्या तुम्हे हारने का दुख सहना है...
Great
जवाब देंहटाएंThank u so much
जवाब देंहटाएंShaandar
जवाब देंहटाएंShanadar
जवाब देंहटाएंThank you very much
जवाब देंहटाएंThank you for posting this unique piece.
जवाब देंहटाएंBohot hi joshila
जवाब देंहटाएंThank u good job
जवाब देंहटाएंGreat meaningful information. After reading meaning, this songs give more Josh inside
जवाब देंहटाएं👍👍
जवाब देंहटाएंWhen i found the meaning of song i feel proud
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