खरी मजदूूरी चोखा दाम एक लोकोक्ति है जिसका प्रयोग आम बोलचाल में किया जाता है हालांकि कुछ जगह पर इसे "खरी मजूरी चोखा काम" भी बोला जाता है लेकिन इसका शुद्ध रूप "खरी मजदूरी चोखा दाम" है। इस लोकोक्ति का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर काम भी अच्छा किया जाए और उसके लिए भुगतान भी अच्छा मिले। इस लोकोक्ति के शब्दों को इस प्रकार समझ सकते हैं "खरी मजदूरी" अर्थात "पूरी लगन से काम करना" "चोखा दाम" अर्थात "अच्छा खासा पैसा मिलना" इस प्रकार अच्छी तरह से पूरी लगन से काम करने के पश्चात जब अच्छा मूल्य मिलता है तो इसके लिए यह लोकोक्ति प्रयोग की जाती है और कहा जाता है खरी मजूरी चोखा दाम। आइए कुछ वाक्य देखते हैं।
उदाहरण:
1. मोहन ने सारा दिन पूरी लगन से अपनी दिहाड़ी की और जाते हुए अपनी कमाई के रुपए मालिक से लिए। साथ ही मालिक ने उसके काम से खुश होकर खाने-पीने के लिए कुछ पैसे अतिरिक्त दे दिए। इसे कहते हैं खरी मजूरी चोखा दाम।
2. साहब तोल-भाव का काम हम नही करते। काम में कोई कमी हो तो बताना बस दाम में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। हमारा तो एक ही हिसाब है खरी मजदूरी चोखा दाम।
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