राष्ट्रवाद लगाव की उस भावना को कहा जाता है जो कोई व्यक्ति अपने राष्ट्र के प्रति रखता है। इस भावना को सही तरीके से समझने के लिए हमें पता होना चाहिए कि "राष्ट्र" क्या होता है। एक देश "राष्ट्र" हो यह आवश्यक नहीं हालांकि एक "राष्ट्र" देश अवश्य होता है। राष्ट्र उसे कहा जाता है जो किसी भी धर्म से बड़ा हो और अपनीे साझी विरासत को धुरी बनाकर आपस में जुड़ा हुआ हो। एक राष्ट्र में रहने वाले लोग चाहे किसी भी तरीके से एक दूसरे से भिन्न हों लेकिन वे एक ऐसी साझी विरासत से जुड़े होते हैं जो उन सब को बांधकर रखती है यह विरासत धार्मिक हो सकती है, भाषाई हो सकती है, सांस्कृतिक हो सकती है, ऐतिहासिक हो सकती है या एक समान उद्देश्य के प्रति चलने की भावना हो सकती है। इस साझी विरासत के प्रति लगाव को ही राष्ट्रवाद कहा जाता है। राष्ट्रवादी व्यक्ति जिस साझी विरासत के आसपास बनी धुरी का अंश होता है वह उसे सर्वश्रेष्ठ मानता है। इस प्रकार राष्ट्रवादी व्यक्ति अपने राष्ट्र को सर्वोच्च मानता है और इसी भावना को राष्ट्रवाद कहा जाता है। राष्ट्रवाद का इंग्लिश में मतलब होता है नेशनलिज्म (Nationalism)