तशरीफ़ मूल रूप से अरबी भाषा का शब्द है जो मुस्लिम शासकों के भारत में आने के पश्चात भारत में भी प्रचलित हो गया है। तशरीफ़ का अर्थ होता है इज्जत बख्शना या सम्मान देना। जब किसी को सम्मान देने की बात की जाती है तो उसे तशरीफ़ के जरिए शब्द बनाकर बोला जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई कहे "तशरीफ़ रखिए" तो इसका मतलब होगा "इज्जत रखिए" अर्थात आपने बैठने के लिए जो "आसन" उस व्यक्ति को दिया है वो उस व्यक्ति के सम्मान में दिया है और यदि वह उस पर बैठता है तो इसका अर्थ है कि उसने आपका सम्मान कबूल किया है आपका सम्मान रखा है।
इसी प्रकार यदि कोई कहता है कि "तशरीफ़ ले जाइए" तो इसका मतलब कि जो सम्मान उसको दिया गया है उसे लेकर चला जाए। यदि यह शब्द प्रेम से बोला जाता है तो अर्थ होगा कि सम्मानपूर्वक जाइए। परंतु यदि गुस्से में बोला जाए इसका अर्थ यह होगा कि स्थिति ऐसी हो गई है यदि वह व्यक्ति वहां से नहीं जाता तो उसका सम्मान कर पाना कठिन हो जाएगा और उसे अपमान सहना पड़ेगा इसलिए जो सम्मान उसको मिला है उसे लेकर चला जाए।