जब हम कोई मोबाइल या कंप्यूटर खरीदते हैं तो हमें दो तरह की मेमोरी के बारे में बताया जाता है इनमें से पहली मेमोरी को हार्ड ड्राइव या इंटरनल मेमोरी कहा जाता है जो कि मोबाइल (स्मार्टफोन) में 4GB, 8GB, 16GB, 32GB या 64 GB तक तथा कंप्यूटर में 500 GB या इससे ज्यादा होती है। दूसरी मेमोरी है RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) जो 2GB, 4GB या 6GB तक होती है। लेकिन इसके अलावा एक और मेमोरी होती है जिसके बारे में हमें नहीं बताया जाता उसे कहा जाता है कैश मेमोरी (Cache Memory) इसका नाम हम अक्सर स्मार्टफोन या कंप्यूटर की एप्लीकेशन सेटिंग में देखते हैं। आमतौर पर यह 08 से 10 एमबी तक होती है लेकिन आखिर यह कैश मेमोरी है क्या? और इसका काम क्या है आइए जानते हैं।
कैश मेमोरी एक ऐसी मेमोरी होती है जो रियल टाइम में (अर्थात : तुरंत) हमारे द्वारा मोबाइल में की गई गतिविधियों को रिकॉर्ड करती है। उदाहरण के तौर पर जब आप मोबाइल में कोई ऐप खोलते हैं और उसे मिनिमाइज करते हैं और पुनः उस पर विजिट करते हैं तो आपको आपके द्वारा एक्सेस की गई फाइल्स ऐसे ही मिलती है जैसे आपने उसे मिनीमाइज करते हुए छोड़ा था। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह फाइल्स आपकी कैश मेमोरी में सुरक्षित होती हैं। आपके द्वारा एक्सेस की गई किसी भी फाइल को आपका कंप्यूटर और स्मार्टफोन सबसे पहले कैश मेमोरी में चेक करता है यदि वह उसे वहां नहीं मिलती तत्पश्चात वह रैम में जाता है और वहां भी न मिलने पर सबसे अंत में हार्ड डिस्क में जाता है। इस प्रकार कैश मेमोरी में स्टोर फाइल्स सबसे पहले चेक की जाती हैं और सबसे तेजी से खुलती हैं। इसलिए आवश्यक मोबाइल फाइल्स को तेजी से एक्सेसिबल बनाने के लिए 08 से 10 एमबी तक का स्पेस कैश मेमोरी को दिया जाता है। ताकि बार-बार प्रयोग होने वाली फाइल्स को तेजी से ओपन किया जा सके।
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