गिरमिटिया शब्द गिरमिट से बना है और गिरमिट शब्द अंग्रेजी के "एग्रीमेंट" के पर्याय को माना जाता है। गिरमिट उस दस्तावेज को कहा जाता है जिस पर अंगूठा लगवा कर किसी मज़दूर को बंधुआ मज़दूर बनाया जाता है और जो मज़दूर गिरमिट पर अंगूठा लगाकर बंधुआ मज़दूरी करता है उसे गिरमिटिया मज़दूर कहा जाता है। हिंदी भाषी क्षेत्रों में यह शब्द इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि जिस समय भारत पर ब्रिटिशों की हुकूमत हुआ करती थी उस समय ब्रिटिश सरकार गरीब भारतीय मज़दूरों को एक गिरमिटिया मज़दूर बनाकर दूसरे देशों (फिजी, मॉरीशस, सूरीनाम, सेशेल्स, दक्षिण अफ्रीका व जहां पर ब्रिटिशों के उपनिवेशवाद थे) में भेजा करती थी तथा वहां पर उन मजदूरों के ब्रिटिश मालिक इन मज़दूरों से बंधुआ मज़दूरी करवाया करते थे तथा उनका शोषण किया करते थे। गिरमिटिया मज़दूरों को बंधुआ मज़दूर भी कहा जाता था तथा उस समय इनके लिए कोई कानून नहीं था। ये अनजान देश में पूर्णतः अपने मालिक की दया पर निर्भर थे। हालांकि गिरमिटिया एग्रीमेंट की समय सीमा 5 वर्ष तय की गई थी लेकिन 5 वर्ष बाद गिरमिटिया मज़दूर आजाद तो हो सकते थे लेकिन पैसे की कमी के चलते इन्हें पुनः किसी दूसरे मालिक के लिए गिरमिटिया मज़दूर की तरह कार्य करना पड़ता था। गिरमिटिया मज़दूरों की शादी भी गिरमिट एग्रीमेंट के अंतर्गत आती थी जिस कारण इन मज़दूरों की पत्नी तथा बच्चों पर मालिकों का ही हक होता था मालिक चाहे तो इन्हें बेच सकते थे। इस प्रकार गिरमिट एग्रीमेंट के अंतर्गत बने बंधुआ मज़दूरों को गिरमिटिया मज़दूर कहा जाता है।