एक देश से दूसरे देश में जब सामान निर्यात किया जाता है तो दूसरे देश की सीमा पर पहुंचते ही उस सामान पर वहां की सरकार कुछ कर (टैक्स) लगाती है। इसी टैक्स को टैरिफ कहा जाता है। हालांकि आमतौर पर केवल आयात हुए सामान (जब सामान देश की सीमा के अंदर आ रहा होता है) पर ही टैरिफ लगाया जाता है। लेकिन सरकार चाहे तो निर्यात किए जाने वाले सामान (जब सामान देश की सीमा से बाहर जा रहा होता है) पर भी टैरिफ लगा सकती है। टैरिफ का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि देश में जो घरेलू कंपनियां कार्य कर रही होती है वे बाहर से आने वाले सामान पर टैरिफ के चलते खुद का सामान उन बाहरी कंपनियों (जो दूसरे देशों से सामान भेज रही हैं) की अपेक्षा सस्ते में बेच सकती हैं। जिससे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा सरकार चाहे तो राजस्व को बढाने के लिए टैरिफ को बढ़ा भी सकती हैं। टैरिफ को हिंदी में प्रशुल्क कहा जाता है।
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