जब किसी के मन में किसी व्यक्ति या परिस्थिति को देखकर बहुत अधिक ईर्ष्या का भाव आता है और वह भावनात्मक रूप से पीड़ा का अनुभव करता है तो ऐसी स्थिति में उस पीड़ित व्यक्ति के लिए कलेजे पर साँप लोटना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। जब कोई किसी को देख भावनात्मक रूप से पीड़ा का अनुभव कर रहा हो तो कहा जाएगा कि इस व्यक्ति के कलेजे पर साँप लोट रहे हैं। कलेजे पर साँप लोटना मुहावरे का मतलब होता है : अत्यधिक ईर्ष्या होना / जलन होना (Sentence) वाक्य में प्रयोग : 1. मोहन और वैशाली को साथ देखकर नामिता के कलेजे पर साँप लोटने लगे। 2. अपने दुश्मन के घर सुख-समृद्धि और खुशहाली देख कर प्रकाश के कलेजे पर साँप लोट रहे हैं। 3. श्याम और राहुल ने एक ही साथ काम करना शुरू किया था लेकिन आज श्याम को अपने से ऊँचे पद पर देखकर राहुल के कलेजे पर साँप लौटते हैं। 4. आज के युग में कोई भी दूसरों की तरक्की देखकर खुश नही है किसी को अपने से आगे निकलता देखकर सबके कलेजे पर साँप लोटते हैं। 5. मोहन तो अपनी प्रतिभा के बल पर आगे बढ़ रहा है तुम्हारे कलेजे पर साँप क्यों लोट रहे हैं।