मूल रूप से मीना बाजार एक ऐसे बाजार को कहा जाता है जहां पर महिलाएं ही दुकान लगाती हैं और महिलाएं ही खरीददारी करती हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को खुलकर खरीददारी करने हेतु सक्षम बनाना होता है ताकि वे पुरुषों की भीड़ में चलने की लज्जा से बच सकें। हालांकि आज के समय में मीना बाजार शब्द का प्रयोग सामान्य बाजारों के लिए भी किया जाने लगा है। इसलिए यह एक नाम मात्र बनकर रह गया है। लेकिन फिर भी मीना बाजार में स्त्रियों के लिए प्रयोग किए जाने वाले सामान का ही बोलबाला रहता है।
यह बाजार भारत में मुग़ल शासक अकबर के समय में शुरू हुआ था। उस समय यह आगरा के किले में प्रत्येक शुक्रवार को लगाया जाता था। आज के समय में भारत सहित अन्य देशों जैसे कि पाकिस्तान, बांग्लादेश व सयुंक्त अरब अमीरात में भी मीना बाजार नाम से बाजार चलाए जा रहे हैं।