सिख धर्म द्वारा ईश्वर के समक्ष की जाने वाली अरदास में अंतिम शब्दावली "सरबत दा भला" है। यह पंक्ति सिख धर्म के अनुयायियों केे लिए ईश्वर की अरदास में बोला जाने वाला सर्वोच्च वाक्य है जो पूर्ण संसार के लिए भले की प्रार्थना करता है।
सरबत दा भला वाक्य तीन शब्दों से मिलकर बना हुआ है पहला शब्द है "सरबत" अर्थात "सबका"; दूसरा शब्द है "दा" अर्थात "का" तथा तीसरा शब्द है "भला" अर्थात "कल्याण" इस प्रकार उपरोक्त तीनों शब्दों का सयुंक्त अर्थ निकलता है "सबका कल्याण हो" अरदास में पूरे संसार के भले की कामना करते हुए "सरबत दा भला" वाक्य बोला जाता है।