अस्थाई सदन के नाम से संसद के लोकसभा सदन को जाना जाता है क्योंकि यह सदन प्रत्येक 5 वर्षों पश्चात भंग होता है। हालांकि विभिन्न परिस्थितियों में लोकसभा को 5 वर्ष से पूर्व भी भंग किया जा सकता है। इसी कारण यह सदन अस्थाई सदन के नाम से जाना जाता है। इसके विपरीत राज्यसभा सदन कभी भी भंग नहीं होता क्योंकि राज्यसभा के एक तिहाई सदस्यों को प्रत्येक 2 वर्षों पश्चात सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। जिस कारण राज्यसभा केे कुछ सदस्य है सदैव व्यवस्था में बने रहते हैं और राज्यसभा पूर्ण रूप से कभी भी भंग नहीं होती। इस प्रकार भंग न होने के कारण राज्यसभा को स्थाई सदन और भंग हो जाने के कारण लोकसभा को "अस्थाई सदन" के नाम से जाना जाता है।
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