किसी भी देश, संगठन अथवा समूह द्वारा अपनाई गई ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें जनता द्वारा, जनता में से, जनता के लिए शासक चुना जाता है; को लोकतंत्र अथवा लोकतांत्रिक व्यवस्था के नाम से जाना जाता है। लोकतंत्र मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है पहला प्रत्यक्ष लोकतंत्र और दूसरा अप्रत्यक्ष लोकतंत्र।
प्रत्यक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक देश में जितने भी लोग होते हैं उन सभी की राय लेकर शासक का चुनाव किया जाता है अथवा कोई कानून बनाया जाता है। प्रत्यक्ष लोकतंत्र प्राचीन समय में हुआ करता था जब लोगों के छोटे-छोटे दल स्वयं पर शासन किया करते थे। वर्तमान समय में प्रत्यक्ष लोकतंत्र समाप्त हो चुका है। आज के समय में केवल अप्रत्यक्ष लोकतंत्र विद्यमान है क्योंकि प्रत्येक देश में लोगों की संख्या लाखों से करोड़ों तक पहुंच चुकी है इसलिए वहां पर प्रत्यक्ष लोकतंत्र स्थापित कर पाना संभव नहीं है अर्थात सभी लोगों की राय लेकर शासक नहीं चुना जा सकता इसलिए यहां अप्रत्यक्ष लोकतंत्र अपनाया जाता है। अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में लोगों के अलग-अलग समूह चुनाव के माध्यम से अपना-अपना प्रतिनिधि चुनते हैं और फिर वे चुने हुए प्रतिनिधि प्रत्यक्ष तौर पर एक व्यक्ति को शासक चुनते हैं। लोकतंत्र में शासन की मूल शक्ति जनता में निहित होती है अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में शासक अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा ही चुना जाता है। इस प्रकार ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता में से ही शासक चुना जाता है; को लोकतंत्र या लोकतांत्रिक व्यवस्था कहा जाता है।