महिलाओं को विशेष योजनाओं, विशेष सुविधाओं व विशेष कानूनों का लाभ देकर उन्हें मजबूत करना और उनके मन में यह भावना पैदा करना है कि वह हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हैं; इस प्रक्रिया को महिला सशक्तिकरण कहा जाता है। आज महिलाओं को मजबूत करने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि बीते हजारों वर्षों का इतिहास देखा जाए तो शुरू से ही मानव समाज में पुरुष की प्रधानता रही है और महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया है जिस कारण समय के साथ-साथ बहुत से क्षेत्रों में महिलाएं पिछड़ चुकी हैं व उनके मन में हीन भावना आने लगी है। महिलाओं को इस अवस्था से निकाल कर समाज की मुख्य धारा में लाने हेतु आज के समय में उन्हें विशेष सुविधाओं व विशेष कानूनों का लाभ देकर सशक्त बनाने की पहल की जा रही है। इस पहल के चलते सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं व महिलांए आज हर क्षेत्र में उन्नति कर रही हैं। आने वाले समय में महिलाओं के मन से यह भावना पूर्ण रूप से मिट जाएगी कि वे पुरुषों से कम है तथा महिलाएं व पुरुष दोनों समाज के विकास में बराबर का योगदान देकर समाज की उन्नति में भागीदार बनेंगे। इसी लक्ष्य को निर्धारित कर महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया प्रत्येक देश में राष्ट्रीय स्तर पर चल रही है।