जब दो व्यक्ति, समूह, दल, उद्योग इत्यादि आपस में कोई समझौता करते हैं तो वे MoU पर हस्ताक्षर करते हैं। MoU एक दस्तावेज होता है जिस पर समझौते के अनुसार दोनों दलों की शर्तें, जवाबदेही तथा जरूरतों के बारे में लिखित जानकारी होती है। जब दोनों दल MoU पर हस्ताक्षर कर देते हैं तो उनका समझौता एक लिखित रूप ले लेता है। हालांकि समझौते के मुख्य दस्तावेज बनाना अभी बाकी होता है जो दोनों दलों को कानूनी रूप से समझौते में लिखित शर्तों को बनाए रखने पर बाध्य करे। इसलिए MoU (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) मात्र एक लिखित दस्तावेज होता है तथा इसमें लिखित शर्तें तोड़े जाने पर कानूनी कार्यवाही नही की जा सकती। इस प्रकार MoU एक समझौता तो है लेकिन यह दोनों दलों को शर्तें मानने पर कानूनी रूप से बाध्य नही कर सकता।