ऐसी बेरोजगारी जो उद्योगों में हो रहे परिवर्तन के चलते पैदा होती है उस बेरोजगारी को सरंचनात्मक बेरोजगारी कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी उद्योग में लेखा-जोखा बनाने के लिए 10 व्यक्ति कार्य कर रहे हैं और वहां पर कंप्यूटर स्थापित कर दिए जाते हैं तो कंप्यूटर उन व्यक्तियों के स्थान पर अधिक काम करना शुरू कर देगा जिस वजह से उन व्यक्तियों में से कुछ व्यक्तियों को नौकरी से निकालना पड़ेगा क्योंकि उनकी आवश्यकता नहीं रहेगी। फल स्वरुप निकाले गए व्यक्ति बेरोजगार हो जाएंगे। इस प्रकार से उत्पन्न हुई बेरोजगारी को संरचनात्मक बेरोजगारी (Structural Unemployment) कहा जाता है।