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5 Trillion Dollars Economy Meaning in Hindi | 5 मिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का अर्थ

5 मिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को समझने से पहले हमें यह समझना होगा कि अर्थव्यवस्था कहते किसे हैं? यदि ग्लोबल अर्थात वैश्विक अर्थव्यवस्था की बात की जाए तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर के लेनदेन पर आधारित होती है और यदि किसी देश की अर्थव्यवस्था की बात की जाए तो यह एक देश की भौगोलिक सीमाओं के अंदर होने वाले लेनदेन पर आधारित होती है। अर्थव्यवस्था को अंग्रेजी में Economy (इकोनॉमी) कहा जाता है।

अर्थव्यवस्था की परिभाषा इस प्रकार है
"किसी भी देश की सीमाओं के अंदर होने वाले ट्रांजैक्शन अर्थात लेनदेन के कुल जोड़ को उस देश की अर्थव्यवस्था कहा जाता है अर्थात किसी देश की सीमाओं के अंदर होने वाले ट्रांजैक्शन जिसमें सभी प्रकार की आर्थिक क्रियाएं शामिल हैं चाहे वह कुछ खरीदारी हो या फिर कोई बिक्री हो उन सब का कुल जोड़ देश की अर्थव्यवस्था कहलाता है। हालांकि अर्थव्यवस्था शब्द को उस पूरे आर्थिक प्रकरण के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है जो देश की सीमाओं के अंदर चल रहा होता है। वहीं किसी देश की अर्थव्यवस्था को एक सँख्या के रूप में भी दर्शाया जा सकता है। सँख्या के रूप में दर्शाने से यह पता चलता है कि कौन सा देश कितना शक्तिशाली है अथवा कितना अमीर है।

अर्थव्यवस्था को समझने के बाद आइए अब समझते हैं कि 5 ट्रिलियन डॉलर का अर्थ क्या होता है। यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शब्द है "ट्रिलियन" और दूसरा शब्द है "डॉलर"। पहले डॉलर की बात की जाए तो यहां पर डॉलर का अर्थ होता है "अमेरिकी मुद्रा" जिसे इस समय वैश्विक मुद्रा होने का गौरव प्राप्त है। क्योंकि दुनिया में होने वाले अधिकतर व्यापार में सर्वाधिक प्रयोग अमेरिकी डॉलर का ही होता है। अब समझते हैं 5 मिलियन का क्या मतलब होता है? 5 मिलियन शब्द अंग्रेजी में प्रयोग होने वाली शार्ट स्केल सांख्यिकी पद्धति में प्रयोग किया जाता है। ट्रिलियन से पहले बिलियन आता है और उससे पहले मिलियन आता है। जब मिलियन, बिलियन, ट्रिलियन को हम अपनी भारतीय पद्धति में लिखते हैं तो यह निम्न सँख्या बनती है :

01 मिलियन : 10 लाख
01 बिलियन : 01 अरब
01 ट्रिलियन : 10 खरब

इस प्रकार हम देख सकते हैं कि 01 ट्रिलियन 10 खरब के बराबर होता है इसका अर्थ यह हुआ कि 5 ट्रिलियन 50 खरब के बराबर होगा। इस प्रकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का अर्थ होता है 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था।
सीधे शब्दों में कहा जाए तो सरकार आने वाले 5 वर्षों में भारत के अंदर होने वाले सभी लेनदेन को 50 खरब डॉलर के बराबर करना चाहती है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2014 में भारत में 1.8 ट्रिलियन डॉलर के लेनदेन होते थे वहीं इस समय भारत में 2.7 ट्रिलियन डॉलर के लेनदेन होते हैं। अब इन्हें बढ़ाकर आने वाले 5 वर्षों में सरकार ने इस लेनदेन को 5 ट्रिलियन डॉलर के बराबर करने का लक्ष्य रखा है।

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