कुम्हड़े की बतिया एक प्रचलित मुहावरा है जिसे आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है। इस मुहावरे को समझने के लिए इसमें प्रयुक्त शब्दों को समझना होगा। सबसे पहले आता है कुम्हड़े शब्द। कुम्हड़े का अर्थ होता है "सीताफल" तथा बतिया का अर्थ होता है "फल का आरंभिक चरण" इस प्रकार सीताफल के आरंभिक चरण को ग्रामीण भाषा मे कुम्हड़े की बतिया कहा जाता है। सीताफल अपनी शुरुआती अवस्था में बेहद कमजोर होता है यहाँ तक कि यदि उसे तर्जनी भी दिखा दी जाए तो वह मुरझा जाता है इसलिए उसे कमजोर समझा जाता है।
इस प्रकार कुम्हड़े की बतिया मुहावरे का अर्थ होता है "कमजोर व्यक्ति" इस मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग निम्न है।
उदाहरण : तुम तो बिल्कुल कुम्हड़े की बतिया हो गए हो कुछ खाते-पीते नही हो क्या?