पार्श्व गायक उन गायकों को कहा जाता है जो गाते समय कैमरे के सामने नही आते। ये गायक पर्दे के पीछे से गायन करते हैं व इनके द्वारा गए गए गानों को दूसरे अभिनेताओं पर फिल्माया जाता है और ये अभिनेता पार्श्व गायकों द्वारा गाए जाने वाले गाने पर लिपसिंग करते हैं। लिपसिंग का मतलब होता है गए हुए गानों पर होंठ हिलाना। भारतीय सिनेमा में पार्श्व गायकी का 1950 के दशक से ही बोलबाला रहा है क्योंकि भारतीय फिल्मों की भावनात्मक शैली के कारण इनमें पार्श्व गायकों द्वारा गाए गए गानों को विशेष तरजीह दी जाती है।
पार्श्व गायकी का प्रयोग फिल्मों की कहानी को बिना तोड़े-मरोड़े उनमें गाने सेट करने के लिए किया जाता है जिसके चलते गाने फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाते हुए नजर आते हैं। वहीं बात यदि बात की जाए हॉलीवुड फिल्मों की तो उनमें गानों का ज्यादा प्रयोग नही होता इसलिए हॉलीवुड के गानों में गायक स्वयं अभिनय करते दिखाई देते हैं यही कारण है कि हॉलीवुड में पार्श्व गायकी को ज्यादा तरजीह नही दी जाती।
वहीं यदि शाब्दिक अर्थ की बात की जाए तो "पार्श्व" का शाब्दिक अर्थ होता है "बगल से या पर्दे के पीछे" इसलिए ऐसे गायक जो सामने आने की बजाए पर्दे के पीछे से गायन करते हैं उन्हें पार्श्व गायक कहा जाता है। भारत में पार्श्व गायक किशोर कुमार व पार्श्व गायिका लता मंगेशकर इत्यादि ने इस क्षेत्र में विशेष ख्याति प्राप्त की है और आज भी बहुत से उम्दा गायक पार्श्व गायन में नाम कमा रहे हैं। पार्श्व गायक को अंग्रेजी में प्लेबैक सिंगर (Playback Singer) कहा जाता है।