पराली जलाने की प्रक्रिया को अंग्रेजी में "स्टबल बर्निंग" कहा जाता है। मशीनों द्वारा खेतों में फसल की कटाई किए जाने के बाद किसान फसल के बचे हुए अवशेषों को जला देते हैं जिससे हवा में धुंआ एकत्रित होता है और वायु प्रदूषण का कारण बनता है। हरियाणा और पंजाब राज्य कृषि में अग्रणी हैं इसलिए यहां पर बड़ी मात्रा में स्टबल बर्निंग देखने को मिलती है और क्योंकि दिल्ली इन दोनों राज्यों के नजदीक है इसलिए स्टबल बर्निंग से हुए वायु प्रदूषण का प्रभाव दिल्ली में व्यापक स्तर पर देखने को मिलता है। किसान कृषि के बचे अवशेषों को अपना समय बचाने के लिए जलाते हैं क्योंकि पिछली फसल की कटाई और अगली फसल की बुआई के बीच अक्सर बहुत कम समय का अंतर पाया जाता है।