शब्द चर्चा में क्यों : हाल ही में बैंकाक में हो रहे आसियान शिखर सम्मेलन में सयुंक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत के तटीय इलाकों को वल्नरेबल एरिया बताते हुए कहा है कि वर्ष 2050 तक जलवायु परिवर्तन के चलते महासागरों का जल स्तर बढ़ेगा और भारत के तटीय क्षेत्र समुंद्र में डूब जाएंगे और भारत सहित विश्व भर के 30 करोड़ लोगों को तटीय क्षेत्रों से विस्तापित होना पड़ेगा। इसमें गुटेरेस ने भारत, चीन, बांग्लादेश तथा जापान के तटीय क्षेत्रों को मोस्ट वल्नरेबल एरिया बताया है।
वल्नरेबल एरिया का अर्थ : वल्नरेबल एरिया को हिंदी में "अतिसंवेदनशील क्षेत्र" कहा जाता है। ये ऐसे क्षेत्र होते हैं जिन्हें किसी विशेष प्रकार की आपदा से सर्वाधिक खतरा होता है। कुछ क्षेत्र भूकंप के प्रति अतिसंवेदनशील हो सकते हैं तो कुछ बाढ़ के प्रति। मौजूदा समय में भारत के तटीय क्षेत्र महासागरों के बढ़ रहे जल स्तर के प्रति अतिसंवेदनशील हैं अर्थात समुंदर स्तर बढ़ने से सबसे पहले ये क्षेत्र प्रभावित होंगे। भारत के तटीय क्षेत्रों में मुंबई व कोलकाता जैसे महानगर शामिल हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें