आवश्यक वस्तु अधिनियम वर्ष 1955 में बनाया गया वह कानून है जिसके तहत रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु आवश्यक उत्पादों एवं वस्तुओं की आपूर्ति व मूल्य को सुनिश्चित किया जाता है ताकि लोगों का सामान्य जीवन सुचारू रूप से चल सके। इस अधिनियम के अंतर्गत खाद्य उत्पाद, दवाएँ, उर्वरक, दलहन, खाद्य तेल व पेट्रोलियम पदार्थ इत्यादि आते हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत यदि किसी वस्तु को सूचिबद्ध कर दिया जाता है तो उस वस्तु की कालाबाजारी व जमाखोरी के विरूद्ध ज्यादा कड़े कदम उठाए जाते हैं।
इस अधिनयम के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति या व्यापारी सूचिबद्ध वस्तुओं की कालाबाजारी करता है तो उसे 6 महीने के लिए नजरबंद किया जा सकता है वहीं यदि इन उत्पादों की जमाखोरी की जाती है तो 7 वर्ष की जेल व जुर्माने का प्रावधान इस अधिनियम में रखा गया है। आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति जीवन के लिए अनिवार्य होती है इसीलिए इन वस्तुओं का प्रयोग लाभ के उद्देश्य से नही किया जाना चाहिए यही बात यह अधिनयम सुनिश्चित करता है।
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