किसी अकस्मात स्थिति के चलते वस्तु-विशेष की बढ़ी हुई माँग का लाभ उठाते हुए वस्तुओं को ऊँचे दामों पर बेच कर अनुचित लाभ कमाने की प्रक्रिया कालाबाजारी कहलाती है। कालाबाजारी अमूमन ऐसी स्थिति में की जाती है जब किसी वस्तु की आपूर्ति में कमी आ रही हो।
जब कोई वस्तु बाजार में आसानी से नही मिलती तो खरीदने वाले उसके लिए अधिक दाम देने को तैयार हो जाते हैं जिसके चलते उस वस्तु विशेष की कीमत को अवसरवादी व्यापारियों द्वारा बढ़ा दिया जाता है। इस तरह किसी परिस्थिति का लाभ उठाते हुए वस्तुओं के मनमाने दाम वसूलने की प्रक्रिया कालाबाजारी कहलाती है। कालाबाजारी को काली अर्थव्यवस्था या समानांतर अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है।
सरकार कालाबाजारी से निपटने के लिए नियमों को कड़ा करती है तथा उन जगहों पर रेड करती हैं जहाँ उस वस्तु की बिक्री हो रही होती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन वस्तुओं की कितनी कीमत वसूली जा रही है। इसके अलावा उस वस्तु विशेष के उत्पादकों से बात कर उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश भी की जाती है ताकि आपूर्ति और माँग के बीच सामंजस्य बनाया जा सके।