बन्दे उत्कल जननी उड़िया भाषा में लिखित एक देशभक्ति कविता है जिसे कांतकबि लक्ष्मीकांत महापात्रा ने लिखा है।
बन्दे उत्कल जननी का हिंदी में अर्थ होता है "मैं माता उत्कल को नमन करता हूँ" यहाँ पर उपयोग किया गया उत्कल शब्द ओडिशा का प्राचीन नाम है।
बंदे उत्कल जननी ओडिशा की भावना को रेखांकित करता है। यह गीत ओडिशा की शानदार प्राकृतिक सुंदरता, गौरव व इसके पवित्र मंदिरों को चित्रित करता है। इस गीत में ओडिशा की कला, शिल्प और विरासत का बखान है। इसके अलावा ओडिशा के गौरवमयी इतिहास, सुंदर संस्कृति और श्रेष्ठ साहित्य के को इस गीत में संजोया गया है।
ओडिशा की समृद्ध परंपरा व शांत सामाजिक जीवन को तरजीह देने वाले इस भव्य गीत ने कोरोना महामारी के समय में राज्य के लोगों में आत्मविश्वास की भावना भरने का काम भी किया है।
अतः लोगों की भावना से जुड़े इस गीत को राज्य गान का दर्जा देकर ओडिशा सरकार ने लोगों की भावनाओं को सम्मानित किया है।